शिक्षा

शिक्षा में धोखाधड़ी: दिल्ली समेत देश में सक्रिय हैं 22 फर्जी विश्वविद्यालय, UGC ने जारी की चेतावनी, छात्र ऐसे बचें ठगी से

नई दिल्ली: भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर फर्जी विश्वविद्यालयों और असंबद्ध संस्थानों का खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हाल ही में एक नई सार्वजनिक अधिसूचना जारी कर छात्रों और अभिभावकों को दिल्ली स्थित 'इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग' के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है। UGC ने स्पष्ट किया है कि यह संस्थान UGC अधिनियम, 1956 की धारा 22 के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है और इसके द्वारा दिए जाने वाले सभी डिग्री पाठ्यक्रम शैक्षणिक और पेशेवर रूप से पूरी तरह से अमान्य हैं।

दिल्ली के इस संस्थान पर क्यों है निशाना?

  • यह संस्थान दिल्ली के कोतला मुबारकपुर इलाके में स्थित है।
  • यह बिना किसी केंद्रीय या राज्य विधान के गठित हुए या धारा 2(f) या धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त किए, डिग्री कार्यक्रम चला रहा है।
  • UGC के अनुसार, इस तरह के संस्थान अक्सर "नेशनल", "टेक्नोलॉजी", "मैनेजमेंट" जैसे विश्वसनीय लगने वाले शब्दों का इस्तेमाल करके अपनी वैधता का भ्रम पैदा करते हैं।

यह चेतावनी एक बहुत बड़ी समस्या का सिर्फ एक हिस्सा है। UGC ने खुलासा किया है कि देश भर में ऐसे कुल 22 अमान्य संस्थान सक्रिय हैं, जो स्वयं को "विश्वविद्यालय" के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

भारत का फर्जी विश्वविद्यालय मानचित्र: कहां और कितने?

UGC द्वारा जारी "फर्जी/अमान्य" घोषित संस्थानों की सूची इस प्रकार है:

क्रम संख्या

संस्थान का नाम

स्थान (राज्य/केंद्र शासित प्रदेश)

1.

इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग

दिल्ली

2.

महिला विद्यापीठ, बंगाली बाजार

दिल्ली

3.

वाणिज्य विद्यापीठ, लक्ष्मी नगर

दिल्ली

4.

राष्ट्रीय विधि विद्यालय

दिल्ली

5.

अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय

दिल्ली

6.

राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय

दिल्ली

7.

श्री लंका चैतन्य भारती

दिल्ली

8.

भारतीय शिक्षा परिषद

दिल्ली

9.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद

दिल्ली

10.

बोधिसत्व नागार्जुन यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश

11.

ग्लोबल यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश

12.

शिवाजी यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश

13.

सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश

14.

यूनाइटेड नेशन यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश

15.

विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी

आंध्र प्रदेश

16.

अद्वैत आश्रम शिक्षा निकेतन

केरल

17.

रॉयल इंटरनेशनल कॉलेज

पुदुचेरी

18.

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी (कुछ डीम्ड कोर्स)*

उत्तर प्रदेश

19.

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार (कुछ डीम्ड कोर्स)*

उत्तराखंड

20.

NLFAA अवैध डिग्री

पश्चिम बंगाल

21.

NLFAA अवैध डिग्री

महाराष्ट्र

22.

NLFAA अवैध डिग्री

कर्नाटक


(नोट: * बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय वैध संस्थान हैं, लेकिन UGC ने उनके कुछ विशिष्ट डीम्ड कोर्सों को अमान्य घोषित किया है।)

भौगोलिक विश्लेषण: दिल्ली सबसे आगे

  • दिल्ली है सबसे आगे: कुल 22 में से 9 फर्जी विश्वविद्यालय अकेले दिल्ली में पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी वजह राजधानी की बड़ी छात्र आबादी, संस्थानों की गुमनामी और एजेंट/ब्रोकरों का सक्रिय नेटवर्क है।
  • उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर: यहां 5 ऐसे संस्थान चिन्हित किए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां के फर्जी संस्थान अक्सर "विद्यापीठ", "परिषद" या "ओपन यूनिवर्सिटी" जैसे नामों का इस्तेमाल करके वास्तविक दूरस्थ शिक्षा संस्थानों की नकल करते हैं।
  • अन्य राज्य: शेष संस्थान आंध्र प्रदेश, केरल, पुदुचेरी, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में फैले हुए हैं, जो दर्शाता है कि यह समस्या पूरे देश में व्याप्त है।

सवाल: आखिर यह खतरा क्यों बरकरार है?

  1. छात्रों में जागरूकता की कमी: UGC की सूची सार्वजनिक होने के बावजूद, कई छात्र और अभिभावक आकर्षक ब्रोशर, झूठे विज्ञापनों या परिचितों की गलत सलाह पर भरोसा कर लेते हैं और आधिकारिक पोर्टल पर पड़ताल नहीं करते।
  2. चालाक शब्दावली का इस्तेमाल: "उद्योग साझेदारी", "अंतर्राष्ट्रीय मान्यता", "स्वायत्त स्थिति" जैसे आकर्षक शब्दों का इस्तेमाल करके इन संस्थानों की विश्वसनीयता का भ्रम पैदा किया जाता है।
  3. धीमी कानूनी कार्रवाई: UGC सिर्फ चेतावनी जारी कर सकता है, इन संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है। नौकरशाही की देरी के चलते, ये संस्थान कार्रवाई से पहले ही नए नाम के साथ फिर से सामने आ जाते हैं।
  4. उच्च मांग, कमजोर सत्यापन: नौकरियों और उच्च शिक्षा में डिग्री की उच्च मांग और कई बार नियोक्ताओं द्वारा सर्टिफिकेट की ठीक से जांच न करना इस समस्या को बढ़ावा देता है।

सुझाव: फर्जी संस्थानों से बचने के लिए अपनाएं यह चेकलिस्ट

कुछ मिनटों की पड़ताल सालों की पछतावे से बचा सकती है। किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:

  1. कानूनी मान्यता जांचें: सबसे पहले UGC की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.ugc.gov.in/) पर जाकर "Recognised Universities" की सूची देखें। सुनिश्चित करें कि जिस संस्थान में आप दाखिला ले रहे हैं, वह UGC अधिनियम की धारा 2(f) या धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त है।
  2. पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए अलग से जांच करें: इंजीनियरिंग (AICTE), फार्मेसी (PCI), मेडिकल (NMC), मैनेजमेंट (AICTE) जैसे पाठ्यक्रमों के लिए संबंधित रेगुलेटरी बॉडी की मान्यता जरूर जांचें।
  3. भ्रामक शब्दावली से सावधान रहें: याद रखें, "उद्योग-संबद्ध", "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त" जैसे शब्द डिग्री देने का अधिकार नहीं देते। केवल UGC या संसद/विधानसभा अधिनियम ही विश्वविद्यालयों को डिग्री देने का अधिकार दे सकते हैं।
  4. डिग्री सर्टिफिकेट सत्यापित करें: वास्तविक विश्वविद्यालयों की डिग्री DigiLocker या NAD (राष्ट्रीय अकादमिक डिपॉजिटरी) के QR कोड के माध्यम से ऑनलाइन सत्यापित की जा सकती हैं। अगर ऐसा नहीं है तो यह एक बड़ा खतरे का संकेत है।
  5. UGC की फर्जी यूनिवर्सिटी लिस्ट चेक करें: UGC की वेबसाइट पर "Fake Universities" की लिस्ट उपलब्ध है। दाखिला लेने से पहले एक बार इसे अवश्य देख लें।

निष्कर्ष

फर्जी विश्वविद्यालय सिर्फ कानूनी खामियों का ही नहीं, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के सपनों और विश्वास का शोषण करते हैं। जब तक कि किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी पूरी पड़ताल करना हमारी स्वाभाविक आदत नहीं बन जाती, यह धोखाधड़ी का चक्र जारी रहेगा। हर नकली डिग्री इस बात की याद दिलाती है कि भारत के शिक्षा क्षेत्र में विश्वसनीयता हासिल करना अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। छात्रों को सलाह है कि वे अपने भविष्य के साथ जुआ न खेलें और दाखिला लेने से पहले थोड़ी सी सतर्कता और ऑनलाइन जांच अवश्य कर लें।


Sayara
Sayara

Digital Content Producer (Lifestyle)

Sayara Bano is a Digital Content Producer (Lifestyle) at Wafi News. She has a strong passion for writing about health and fitness and is always eager to learn and explore new trends in the wellness space.