India AI Chatbot: भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपना नया स्वदेशी AI चैटबॉट काइवेक्स (Kyvex) लॉन्च किया है। यह पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध है, ठीक वैसे ही जैसे भारत में ChatGPT का उपयोग किया जाता है। यह नया भारतीय चैटबॉट चीन और अमेरिका के लोकप्रिय AI सर्च इंजन को टक्कर देने के लिए तैयार है।
भारत की AI रेस में तेज़ प्रगति
अब तक AI इंडस्ट्री में अमेरिका का दबदबा रहा है, जहां ChatGPT, Grok और Perplexity जैसे टूल्स काफी प्रसिद्ध हैं। ऐसे माहौल में काइवेक्स का लॉन्च भारत द्वारा तकनीक की दुनिया में एक बड़े बदलाव की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम माना जा रहा है।
यह AI असिस्टेंट डीप रिसर्च पर आधारित है और कंपनी के अपने लार्ज लैंग्वेज मॉडल से संचालित होता है, जो उपयोगकर्ताओं को गहन, सटीक और सूचित उत्तर प्रदान करने में सक्षम है।
काइवेक्स को शिक्षा, शोध और पेशेवर कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसका उद्देश्य AI तकनीक को आम जनता तक पहुंचाना है, और इसे वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
पूरी तरह भारतीय इंजीनियरों द्वारा विकसित
काइवेक्स को 100% भारतीय इंजीनियरों और शोधकर्ताओं की टीम ने तैयार किया है, इसमें किसी भी विदेशी तकनीक या सहायता का उपयोग नहीं किया गया।
देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों ने इस प्रोजेक्ट को समर्थन दिया है, जिनमें शामिल हैं:
- प्रो. रामगोपाल राव — पूर्व निदेशक, IIT दिल्ली
- प्रो. पी.पी. चक्रवर्ती — पूर्व निदेशक, IIT खड़गपुर
- प्रो. पी.जे. नारायणन — निदेशक, IIIT हैदराबाद
यह समर्थन इसे भारतीय तकनीकी क्षमता का मजबूत प्रतीक बनाता है।
अभी वेब पर उपलब्ध, जल्द आएंगे मोबाइल ऐप्स
काइवेक्स फिलहाल वेब प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। जल्द ही इसे Android और iOS ऐप्स, साथ ही ब्राउज़र एक्सटेंशन के रूप में लॉन्च किया जाएगा।
यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में विशेष रूप से डीप टेक सेगमेंट को मजबूत करने वाला साबित हो सकता है।
संस्थापक का विज़न — AI में भारत को वैश्विक नेतृत्व
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, काइवेक्स के संस्थापक एवं सीईओ भारतीय बिजनेसमैन पर्ल कपूर हैं।
उनका कहना है —
“काइवेक्स भारत के भविष्य की ओर एक बड़ी छलांग है। हमारा लक्ष्य रिसर्च और नॉलेज डिस्कवरी का नया युग शुरू करना है, ताकि भारत AI क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व हासिल करे।”
अमेरिका और चीन के लिए संभावित चुनौती
फिलहाल AI सेक्टर में अमेरिका और चीन दोनों ही शीर्ष पर हैं।
- अमेरिका: ChatGPT, Perplexity, Grok
- चीन: DeepSeek
अब भारत का नया चैटबॉट इस प्रतिस्पर्धा में तीसरे मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर सकता है।
फ्री यूज़र्स के लिए बड़ा ऑफर
AI टूल्स को व्यापक उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाने की दिशा में आज कई बड़ी कंपनियां अपने मॉडल्स मुफ्त में उपलब्ध करा रही हैं:
- OpenAI ने हाल ही में ChatGPT Go को फ्री किया
- Perplexity ने Airtel यूज़र्स को 1 साल का फ्री प्लान दिया
- Meta AI WhatsApp, Instagram और Facebook पर मुफ्त उपलब्ध है
इसी रणनीति के अंतर्गत काइवेक्स भी पूरी तरह फ्री प्रदान किया गया है।



