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Sangram Singh ने LFL में रचा इतिहास, 40 की उम्र में जीतने वाले पहले भारतीय एमएमए फाइटर

भारतीय एमएमए (मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स) फाइटर संग्राम सिंह ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। यूरोप के प्रतिष्ठित लेवल्स फाइट लीग (LFL) में उन्होंने शानदार जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया और इस लीग में जीत हासिल करने वाले वह पहले भारतीय फाइटर बन गए हैं।

एम्स्टर्डम में दिखी भारतीय ताकत

नीदरलैंड्स के एम्स्टर्डम में आयोजित LFL के मैच में संग्राम सिंह का सामना ट्यूनीशिया के अनुभवी और लगातार जीत दर्ज कर रहे फाइटर हकीम त्राबेलसी से हुआ। 40 वर्ष की उम्र में मैदान में उतरे संग्राम ने बेहतरीन रणनीति और हौसले का परिचय देते हुए मुकाबले पर पूरा कब्जा जमा लिया।

शानदार रही फाइटिंग स्ट्रैटेजी

संग्राम ने अपने रेसलिंग अनुभव का पूरा फायदा उठाया और शुरू से ही प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने क्लिंच और बॉडी-लॉक जैसी तकनीकों से मैच की रफ्तार को अपने नियंत्रण में रखा। संग्राम ने शांत रहते हुए हकीम के हमलों को नाकाम किया और सटीक काउंटर-अटैक से बढ़त बनाई। दूसरे राउंड में उन्होंने जबरदस्त बार-आर्म चोक लगाया, जिसके बाद हकीम को टैप आउट करना पड़ा।

यूरोप में यह दूसरी बड़ी कामयाबी

LFL में यह जीत संग्राम सिंह के लिए यूरोप में दूसरी बड़ी सफलता है। इससे पहले, उन्होंने जॉर्जिया के त्बिलिसी में हुए GAMA इंटरनेशनल फाइटिंग चैम्पियनशिप में अपने डेब्यू फाइट में ही पाकिस्तान के अली रजा नासिर को मात्र 90 सेकंड में हराया था। उस जीत के साथ ही वह प्रोफेशनल एमएमए में जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय पुरुष रेसलर बने थे।

संग्राम की जीत ने दिखाई नई राह

इस ऐतिहासिक जीत के बाद संग्राम सिंह ने कहा, "यह जीत हर उस भारतीय युवा की है जो दुनिया के मंच पर अपने देश का नाम रोशन करने का सपना देखता है। LFL ने मुझे यूरोप में भारतीय जज्बा और हिम्मत दिखाने का मौका दिया। मैं चाहता हूं कि मेरी यह यात्रा देश के युवाओं को अपने सपनों के पीछे लगन और साहस से दौड़ने की प्रेरणा दे।"

उनके कोच, भुवनेश कुमार ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, "हकीम जैसे कठिन प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ संग्राम ने शानदार अनुशासन दिखाया। उन्होंने जरूरत पड़ने पर डिफेंसिव रहते हुए अपने रेसलिंग स्किल्स से मैच को नियंत्रित किया।"

क्या है LFL (लेवल्स फाइट लीग)?

लेवल्स फाइट लीग (LFL) नीदरलैंड्स की एक प्रमुख एमएमए लीग है, जो एम्स्टर्डम में स्थित है। यह यूरोप में तेजी से लोकप्रिय हो रही है और अब वहां की सबसे बड़ी MMA लीगों में से एक मानी जाती है। एक फाइट में 5-5 मिनट के तीन राउंड होते हैं।

संग्राम सिंह की यह जीत न सिर्फ उनके व्यक्तिगत सफर का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि यह भारतीय कॉम्बैट स्पोर्ट्स के लिए वैश्विक स्तर पर एक नए अध्याय की शुरुआत है।

Albina Jalpa
Albina Jalpa

Digital Content Producer

With over 3+ years of experience in sports journalism, I have covered major events like the Olympics, Asian Games, IPL, and Commonwealth Games, along with sports such as cricket, football, badminton, and hockey.