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अर्जुन की छाल के 5 फायदे: इन बीमारियों से मिल सकता है छुटकारा

अर्जुन की छाल: परिचय और औषधीय तत्व

आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को एक महत्वपूर्ण औषधि माना गया है, जो शरीर को मजबूत करने और कई गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करती है। यह छाल न केवल सर्दियों के मौसम में वरदान साबित होती है, बल्कि सालभर हृदय, पाचन और त्वचा जैसी समस्याओं के लिए भी उपयोगी है।

अर्जुन के पेड़ की छाल में एंटीइस्केमिक, एंटीऑक्सीडेंट, हाइपोलिपिडेमिक और एंटीथेरोजेनिक जैसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें टैनिन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये सभी तत्व शरीर को आंतरिक रूप से सशक्त बनाकर कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

अर्जुन की छाल के विशेष फायदे

1. हृदय और रक्तवाहिनी स्वास्थ्य

  • हृदय की मांसपेशियों को मजबूती देता है, उनके संकुचन और शिथिलता को संतुलित करता है, जिससे हार्ट फंक्शन सुधरता है।

  • कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर LDL घटाता है और HDL को बढ़ाता है, जिससे हृदयाघात, ब्लड प्रेशर और ब्लॉकेज का खतरा घटता है।

  • हृदय के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार व हार्ट फेल्योर व हाइपरटेंशन में लाभकारी।​

2. पाचन और चयापचय पर प्रभाव

  • अपच, गैस, एसिडिटी व दस्त जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। डायजेस्टिव एंजाइम्स के स्राव में वृद्धि फलस्वरूप पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।​

  • पाचन संबंधी संक्रमणों और सूजन में भी यह लाभदायक है।

3.त्वचा और रक्त शुद्धि

  • एंटीऑक्सीडेंट तत्व त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, मुक्त कणों से रक्षा करते हैं।

  • रक्तसफाई में मदद करता है, जिससे मुंहासे, दाने, पिग्मेंटेशन कम होते हैं, और त्वचा पर रैशेज, एक्जिमा में राहत मिलती है।​

  • घाव भरने और माइक्रोबियल इंफेक्शन से सुरक्षा मिलती है।

4. जोड़ों और हड्डियों की मजबूती

  • हड्डियों के लिए लाभकारी मिश्रणकैल्शियम, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, और जोड़ों के दर्द में मदद करता है।

  • उम्र बढ़ने के साथ उत्पन्न होने वाली हड्डी संबंधी बीमारियों में राहत।​

5. अन्य स्वास्थ्य लाभ

  • यूरिन इंफेक्शन में दर्द व जलन से राहत देता है, मूत्र प्रवाह में सुधार लाता है।​

  • माइग्रेन व सिरदर्द में तासीर ठंडी होने के कारण लाभकारी।

  • वजन कम करने, लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाने तथा इम्यूनिटी मजबूत करने में सहायक।

  • ब्रोंकाइटिस, अस्थमा व श्वसन संक्रमणों में प्राकृतिक एक्सपेक्टोरेंट की तरह कार्य करता है।​

अर्जुन की छाल का उपयोग और सेवन विधि

  • पारंपरिक रूप से काढ़ा, चूर्ण, कैप्सूल या टैबलेट के रूप में सेवन किया जाता है।

  • काढ़ा बनाने के लिए: 3-6 ग्राम अर्जुन छाल का पाउडर 200ml पानी में उबालें, 1/4 रह जाए तो छानकर सेवन करें।

  • शहद या गुड़ मिली हुई छाल का चूर्ण भी प्रयोग में लाया जा सकता है।

उपयोग में सावधानी

  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं डॉक्टर की सलाह से लें।

  • उच्च रक्तचाप, दवा या अन्य गंभीर बीमारी में प्रयोग से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर की सलाह लें।

  • ओवरडोज़ से एलर्जी, अपच या चक्कर आ सकते हैं, अत: सीमित मात्रा व उचित चिकित्सकीय देखरेख में ही सेवन करें।​

यह जानकारी वैज्ञानिक और आयुर्वेदे आधारित संदर्भों पर आधारित है। किसी भी नई औषधि, उपचार या डाइट परिवर्तन को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह अवश्य लें।

Albina Jalpa
Albina Jalpa

Digital Content Producer

With over 3+ years of experience in sports journalism, I have covered major events like the Olympics, Asian Games, IPL, and Commonwealth Games, along with sports such as cricket, football, badminton, and hockey.