“हर असफलता ने मुझे सिखाया कि सही सोच ही सबसे बड़ा निवेश है”
भारत के फिनटेक सेक्टर में आज जिस नाम की चर्चा हर निवेशक की जुबान पर है, वह है ललित केशरे, Groww के को-फाउंडर और CEO।
लेकिन यह कहानी सिर्फ एक सफल कंपनी की नहीं है — यह कहानी है गांव के एक सपने देखने वाले लड़के की, जिसने असफलता, संघर्ष और विश्वास को मिलाकर ₹70,000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।
छोटे गाँव से IIT तक का सफर
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के छोटे से गाँव ‘लेपा’ में जन्मे ललित के पिता किसान थे। खेतों में मेहनत करते पिता को देखकर उन्होंने बहुत जल्दी समझ लिया था कि मेहनत ही असली पूंजी है।
उनके गाँव में सीमित संसाधन थे — एकमात्र अंग्रेज़ी-माध्यम स्कूल में पढ़ाई की।
“मैं अपने ज़िले के एकमात्र अंग्रेज़ी स्कूल में पढ़ा। उसी ने मेरी दुनिया बदल दी।” – ललित केशरे (Moneycontrol इंटरव्यू)
उन्होंने मेहनत से IIT Bombay में दाखिला पाया और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डुअल डिग्री हासिल की।
यहीं से उन्होंने तकनीक और समाज-सेवा के बीच पुल बनाने का सपना देखा।
पहली असफलता — Eduflix से Flipkart तक
IIT से निकलते ही उन्होंने 2011 में Eduflix नामक ऑनलाइन लर्निंग स्टार्ट-अप शुरू किया, जो विफल रहा।
इस असफलता ने उन्हें एक बड़ा सबक दिया — “प्रोडक्ट अच्छा होना काफी नहीं, यूजर का अनुभव सबसे ज़रूरी है।”
कर्ज बढ़ गया, और ललित ने Flipkart में नौकरी ज्वाइन की। वहाँ उन्होंने Flipkart Marketplace और Flipkart Quick जैसे प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई।
Flipkart ने उन्हें सिखाया कि बड़े पैमाने पर बिज़नेस कैसे चलता है, लेकिन उनका दिल अब भी अपने विचार में था — भारत में निवेश को आसान बनाना।
Groww की शुरुआत — निवेश को उतना ही आसान जितना फोटो लेना
साल 2016 में, उन्होंने अपने तीन IIT साथियों — हर्ष जैन, नीरज सिंह और ईशान बंसल — के साथ Groww की नींव रखी।
उनका मकसद था: “अगर कोई मोबाइल से फोटो ले सकता है, तो निवेश भी कर सकता है।”
Groww ने शुरुआत म्यूचुअल फंड से की, फिर धीरे-धीरे स्टॉक्स, ETFs, SIPs और IPOs तक अपनी सेवाएँ बढ़ाईं।
आज Groww के पास 1.26 करोड़ से ज़्यादा एक्टिव यूज़र्स हैं, जो भारत के 98% पिन कोड्स से आते हैं।
“Financial services are a basic need like roti-kapda-makaan.” — ललित केशरे
IPO की सफलता — भारत का भरोसेमंद प्लेटफॉर्म
Groww की पैरेंट कंपनी Billionbrains Garage Ventures Ltd. ने 4 नवंबर 2025 को IPO लॉन्च किया।
- मूल्य-बैंड: ₹95-₹100 प्रति शेयर
- कुल इश्यू साइज: ₹6,632 करोड़
- एंकर निवेशक: SBI MF, Temasek, ADIA, BlackRock जैसे वैश्विक दिग्गज
- राजस्व (FY 2025): ₹4,061.65 करोड़
- शुद्ध लाभ: ₹1,824.37 करोड़
(स्रोत: Economic Times, Business Today, Moneycontrol)
IPO के पहले ही दिन भारी रिस्पॉन्स मिला और कंपनी का वैल्यूएशन ₹70,000 करोड़ के पार पहुंच गया।
टाइम मैगज़ीन की मान्यता
2025 में, टाइम मैगज़ीन की ‘TIME 100 Next’ लिस्ट में ललित केशरे का नाम शामिल किया गया — एक ऐसे भारतीय के रूप में जिसने निवेश संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाया।
ललित केशरे के प्रेरक विचार
- “हम सिर्फ पैसा कमाने नहीं, 100 साल चलने वाली कंपनी बनाने निकले हैं।”
- “भारत में करोड़ों लोग अभी भी निवेश को डर की नज़र से देखते हैं, Groww का मकसद उस डर को खत्म करना है।”
- “असफलता ही असली शिक्षक है — अगर सीख मिले, तो हार भी जीत बन जाती है।”
उनसे सीखने योग्य बातें
- फेल होने से डरना नहीं चाहिए — Eduflix की नाकामी ने Groww को जन्म दिया।
- यूज़र-फोकस्ड सोच ही सफलता की कुंजी है।
- टीमवर्क से सपने पूरे होते हैं — अकेले नहीं, तीन दोस्तों के साथ मिलकर Groww बनाई।
- लॉन्ग-टर्म विज़न जरूरी है — IPO को लक्ष्य नहीं, मील-का-पत्थर माना।
- रूट्स से जुड़े रहना — गाँव की सादगी आज भी उनकी सोच में झलकती है।
निष्कर्ष
ललित केशरे की यात्रा हमें यह सिखाती है कि मूल से उठकर भी महानता हासिल की जा सकती है।
असफलताओं को अवसर में बदलने की यह कहानी सिर्फ एक फिनटेक स्टार्ट-अप की नहीं, बल्कि नए भारत के आत्म-निर्भर युवा सपनों की कहानी है।
“Groww” अब सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि भारतीय निवेशक के आत्मविश्वास का प्रतीक है।



